Monday, June 7, 2010

आत्मन मोक्षर्थाय, जगत हिताय च

~!~ आत्मन मोक्षर्थाय, जगत हिताय ~!~
केवल
अपनी मुक्ति से कुछ नहीं होगा औरों के लिए भी साथ-साथ विचार करना होगा

प्रेम कार २१ वीं सड़ी की धड़कन हैवसुधैव कुटुम्बकम की धरा हैसत्य की नदी है, साँसों की नाव है, सत्य की खोज है, ह्रदय की खुशबू हैसहजता, सरलता और निर्मलता की त्रिवेणी हैजन-जीवन की प्यास बुझाने का एक मात्र आनंदमय विश्राम स्थल हैधर्म, कर्म और श्रम की त्रिवेणी हैमहाकाल से युग का संवाद हैमहाकाली की संहारक शक्ति हैप्रेम कार मुक्ति का मार्ग हैकलियुग का पुरुषार्थ है, ह्रदय की गति है, प्रगति का मार्ग हैप्रेम कार सदी की अनुपम सनातन खोज हैसभी के घर के आँगन की खुशबू हैउद्भव से लेकर विकास की विश्वसनीय परिकल्पना हैश्रद्धा और विस्वाश का संगम हैआओ हम सभी चेतना के इस महाकुम्भ में स्नान करेंवेदना को चेतना में बदलने का सद्मार्ग है प्रेम कारघाट-घाट की संवेदनाओं और संभावनाओं को यथा स्थान प्रदान करना हमारा कर्तव्य हैसुमति के पथ पर नित्य नूतनता का प्रकाश फैलाना हमारा धिय हैहमारे इस विनम्र विरल प्रयास में आपका सहयोग मार्गदर्शन समय स्थान यदि आप देंगे तो हमारी मानवता की परछाईं आप और आप, आपके परिवार, समाज एवं राष्ट्र को गौरवान्वित करेगी

जीवन एक मिसाल है, मशाल लेकर चलने के लिएकलियुग के अन्धकार को मिटाने के लिए कुदरत के बादशाह ने आपको यहाँ भेजा हैआज स्वंय का परिवार का, कुटुंब का समाज का, गली का, मौहल्ले का, गाँव का, नगर का, महानगर का, प्रदेश का और राष्ट्र का गौरव आपको सजग प्रहरी के रूप में नियुक्त करता हैआप यह भूल जाएँ की आपको परमात्मा ने दुर्लभ मनुष्य योनी सोंपी हैजो सतत जागरूकता का परिचायक हैसजकता का प्रतीक है, स्वाभिमान की जननी हैवाशुधा का प्रेम रूपी सार हैऔर इस सार को संभालना ही मानवीयता हैलोक और परलोक का हमें विचार करना है कि मैं रूपी अन्हंकर तुम्हें निगल जाएविधि ने हमें लाखों सम्पदाएँ सौंपीं हैंहज़ारों नियामतों ने हमें नैतिकता की राह पर चलने का कर्तव्य हैसैकड़ों कोशिकाओं का इक साथ शरीर में काम करना हमें इस बात की शिक्षा देता है कि हमें करुना में हमें इक दूसरे का सहयोग करते हुए सतत प्रगति के पथ पर अग्रसर होना है

प्रेम कार सत्द्हम सनातन आओ देख लो
कलि श्री राम का नाम सुधा रख गाओ मंहक लो।।

नेति नेति...!

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